What is stock market learn fully detailed

कोरोना महामारी (Corona Pandemic) की शुरुआत वैश्विक बाजारों (Global Markets) में खलबली मचाने वाली थी। भारत सहित दुनिया के कई देशों में पूर्ण लॉकडाउन से आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थीं। नतीजतन, शेयर बाजार (Share Market) औंधे मुंह गिर गए। लेकिन जब धीरे-धीरे महामारी का प्रकोप कम होने लगा और वैक्सीन बना ली गई, तो बाजार में रिकवरी (Recovery) आई। अमेरिका में मौद्रिक नीति को बेहद आसान बना देने से भारी लिक्विडिटी बाजार में आई। भारतीय शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों ने बंपर निवेश किया। नतीजा यह हुआ कि शेयर बाजार जिस रफ्तार से गिरा था, उसी रफ्तार से ऊपर उठा। बाजार की इस तेजी ने करोड़ों नए निवेशकों को आकर्षित किया। भारी संख्या में नए खुदरा निवेशकों ने शेयर बाजार में कदम रखा। लेकिन उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि आगे क्या होने वाला है।

 

 

विदेशी निवेशकों की बिकवाली से फंसे खुदरा निवेशक

परिवर्तन संसार का नियम है। जब बाजार पीक पर आ गया, तो शुरू हुआ गिरावट का दौर। भू-राजनीतिक तनाव, बढ़ती महंगाई और सख्त मौद्रिक नीतियों के चलते विदेशी निवेशकों ने जमकर बिकवाली की। नए खुदरा निवेशक इसमें फंस गए। बड़े घाटे के डर से कइयों ने लॉस बुक किया। लेकिन परिवर्तन तो संसार का नियम है ही...अब फिर से बाजार में पॉजिटिव रुख देखा जा रहा है। लेकिन क्या बाजार में पिछली बार की तरह ताबड़तोड़ रैली आएगी। आइए जानते हैं कि प्रमुख संकेतक क्या कह रहे हैं। आज हम ऐसी स्थिति में हैं, जब अमेरिका टेक्निकल रूप से मंदी में है। साथ ही आने वाले समय में कई देशों में इस तरह की स्थिति आने की आशंका है। ऐसे में अधिकतर शेयर बाजार के निवेशक एक ही सवाल पूछ रहे हैं। बाजार को पूरी तरह रिकवर होने में कितना समय लगेगा।

 

बाजार में क्या टिकाऊ है यह तेजी?

बीएसई सेंसेक्स 22 जून, 2022 को 51,360 के निचले स्तर पर बंद हुआ था। यह 5 अगस्त 2022 को 58,388 पर बंद हुआ। इस तरह इसमें करीब 14 फीसदी की रिकवरी आई है। बाजार में निचले स्तर से काफी अच्छी रिकवरी हुई है। इसके बावजूद अभी खतरा टला नहीं है। मैक्रो फैक्टर्स के बिना कोई भी रिकवरी टिकाऊ नहीं हो सकती। ऐसे में बाजार में कुछ तेजी के बाद फिर से गिरावट दिखने की संभावना रहती है। आसान लिक्विडिटी, रूस-यूक्रेन संकट और सप्लाई चेन की बाधाओं सहित कई चीजें अभी पूरी तरह सामान्य नहीं हुई हैं।

 

बढ़ती महंगाई बड़ी मुसीबत

महामारी के समय केंद्रीय बैंकों द्वारा बाजार में आसान लिक्विडिटी डाली गई थी। इस लिक्वडिटी, सप्लाई चेन में बाधाएं और भू-राजनीतिक तनाव के चलते महंगाई में काफी तेजी आई। उच्च महंगाई के चलते डिमांड में कमी आई है और इससे लंबी अवधि तक अर्थव्यवस्था प्रभावित होती है। इसलिए महंगाई यह तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कब पटरी पर आएगी।

 

विकसित देशों में महंगाई पर काबू पाने में लगेगा लंबा समय

यस सिक्युरिटीज में पीआरएस इक्विटी रिसर्च प्रुख निताशा शंकर ने कहा, 'हाल के वर्षों में भारत में महंगाई को मिड सिंगल डिजिट जोन में गिरते हुए देखा है। लेकिन दुनिया के बाकी देशों के साथ ऐसा नहीं है। विशेष रूप से विकसित बाजारों के लिए, जहां तुलनात्मक रूप से निचले स्तर पर महंगाई दर रहती है।' शंकर ने कहा, 'अमेरिका और यूरोप में खुदरा महंगाई 8 फीसदी तक बढ़ रही है। इससे यहां के केंद्रीय बैंक महंगाई पर काबू पाने की हरसंभव कोशिश में लगे हैं। यहां महंगाई दर को 2% के लक्ष्य तक वापस लाने के लिए एक, दो, पांच साल या इससे अधिक समय भी लग सकता है।'

 

क्या कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ठीक स्थिति है?

महंगाई बढ़ाने में एनर्जी की कीमतों का बड़ा योगदान रहा है। इसलिए क्या कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट अब बाजार के लिए अच्छा संकेत है? एएसके इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के बिजनस हेड और सीआईओ प्रतीक अग्रवाल ने कहा, 'हम बाजार में रिकवरी को लेकर काफी आशावादी हैं। अगले दो वर्षों में कंपनियों की कमाई में वृद्धि से इसे मदद मिलेगी। कमोडिटी की कीमतें गिरने से इसमें उछाल आया है। कमोडिटी की कीमतों में गिरावट से महंगाई की आशंकाओं को बड़ा झटका लगा है। भू-राजनीतिक तनाव कम होने के साथ अगर तेल की कीमतें तेजी से गिरती हैं, तो शेयर बाजारों के लिए आगे अच्छा समय हो सकता है।'

 

मंदी के चलते आई कीमतों में गिरावट ठीक नहीं

जून के पहले हफ्ते के 121 डॉलर प्रति बैरल के स्तर से फिसलकर अगस्त के पहले हफ्ते में डबल्यूटीआई क्रूड 88 डॉलर प्रति बैरल तक टूट गया है। हालांकि, यह अभी भी 60-70 डॉलर प्रति बैरल की रेंज से ऊपर है। यह स्तर वैश्विक ग्रोथ के लिए अच्छा माना जाता है। हालांकि, बड़ी मंदी के डर से कीमतों में गिरावट आती हैं, तो बाजार पर यह सकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगी।

 

Enjoyed this article? Stay informed by joining our newsletter!

Comments

You must be logged in to post a comment.

About Author

I am a professional blogger and YouTuber.0 I works part on psidforarticle