1944 में शुरू हुवा अंग्रेज भारत छोड़ो का आंदोलन , जिसमे महात्मा गाँधी और सभी क्रांतिकारिओं ने अपनी-अपनी क्षमता से विरोध किया , और फिर अंग्रेज सरकार ने सभी नेताओ को गिरफ्तार कर लिया इसके साथ अंग्रेजो का भयानक अत्याचार शरू हुवा, लोगो पर लाढिया बरसाई गयी , कई लोगो को फांसी पर लटकाया गया लेकिन दूसरे विश्व युद्ध में फसी ब्रिटैन को अहेसास हो गया की अगर हमने सभी ब्रिटैन कॉलोनी की मदद नहीं ली तो वो युद्ध हार जायेगे इसलिए उन्होंने पूर्ण स्वराज की मांग को स्वीकार कर लिया और सभी नेताओ को छोड़ दिया, अंग्रेजो ने भारत छोड़ने का इरादा कर लिया था, उस समय कांग्रेस भारत की सबसे बड़ी और एकमात्र राजकीय पार्टी थी , अंग्रेज भारत देश को कांग्रेस को देकर चले जाना चाहते थे, कांग्रेस पार्टी उस वक्त सबसे बड़ा संगठन था, कांग्रेस को औपचारिक रूप से महात्मा गाँधी चला रहे थे, महात्मा गाँधी के सबसे बड़े दो स्तंभ थे, एक जवाहर लाल नहेरु और दूसरी और थे सरदार वल्लभभाई पटेल, अंग्रेज तो चले जाना चाहते थे ,लेकिन वो भारत को बाट कर चले जाना चाहते थे, उस वक्त जब अंग्रेजो ने भारत छोड़ने का इरादा किया तभी All-India Muslim League के लीडर मुहम्मद अली जिन्नाह ने अलग देश की मांग की, जिसकी वजह से पुरे भारत में चिंता का माहौल था, क्योकि जिन्नाह किसीभी बात को समझने को त्यार नहीं थे , ना तो वे महात्मा गाँधी की मानते थे और ना कांग्रेस की बात सुन ने को त्यार थे, उस समय के भारत के वाइसरॉय ने सभी प्रांतो के नेता और कांग्रेस पार्टी को बुलाया और उनके सामने २ प्रस्ताव रखे, पहला प्रस्ताव (16 मई का प्रस्ताव ) था की भारत में एक ही संगढन बनाया जाये जिसमे सभी प्रान्त के लीडर को एक-एक विभाग दिया जायेगा , कोई भी विभाग दूसरे विभाग को परेशान नहीं करेगा , और दूसरा प्रस्ताव था की भारत का बटवारा हो जिसमे मुसलमानो को अलग से पाकिस्तान दिया जायेगा और बंगाल , पंजाब के मुस्लिमो के लिए भी अलग अलग बटवारे होंगे , लेकिन कांग्रेस पार्टी इसके सख्त खिलाफ थी, वो भारत का बटवारा नहीं चाहते थे और जिन्नाह को भी कटा - बटा पाकिस्तान नहीं चाहिए था, उन्हें तो पाकिस्तान से जूनागढ़, बंगाल और पूरा पंजाब चाहिए था , जिसके वजसे सभी नेताओ ने और कांग्रेस ने इस प्रस्ताव को समझने के लिए कुछ दिनों का समय मांगा, क्योकि जिन्नाह देश में ग्रुपिंग करवाना चाहते थे , उनका कहना था की अगर मुसलमानो को अलग पाकिस्तान नहीं दिया गया तो हमें अलग से असेम्बली चाहिए , जिस पर सिर्फ और सिर्फ मुसलमानो का ही हक़ होगा , उस में हम जो नियम बनाये वो होंगे, जिसके चलते अगर अलग पाकिस्तान नहीं बनता तो भारत देश में तीन एसेम्बली बनायीं जाती , एक कांग्रेस की दूसरी मुसलमानो की और तीसरी रियासतों की, कांग्रेस ने दूसरे प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था और पहले प्रस्ताव पर सोच कर जवाब देने के लिए समय मांगा था, जिन्नाह ने भी अपना प्रस्ताव रखा और कहा की हम भी पहले प्रस्ताव पर विचार कर सकते हे, लेकिन उसकी सरते हम बनाये गे, अगर हमें हमारी कम वस्ति होने की वजसे डिफेंस में रखा जाता हे तो ग्रुपिंग का नियम होगा की कोई भी डिपार्टमेंट किसी भी समय यूनियन का साथ छोड़कर अलग हो सकता हे. ।
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Abhishek Mukti
Jul 27, 2020, 9:55 AM
1947 में ऐसा क्या हुवा की आज़ादी मिल गयी?
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Apr 3, 2021, 5:48 PM
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Deepak kumar joshi
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My self Abhishek Mukti, I'm Writer, Video actor, Screenplay writer.My Youtube Chanel Name is "Gujju ki toli". This is Comedy chanel. My 300 titles are Live On Kindle Amazon.
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