लॉकडाउन - एक सजा या मौका ??

जैसा कि आप सब जानते है कि पूरा विश्व आज कोरोना वायरस के चपेट में आ चुका है। और हमें ये भी पता है कि ऐसी खतरनाक बीमारी से अकेले किसी भी देश के लिए निपटना काफी मुश्किल कार्य है लेकिन अभी के समय में स्थिति ऐसी है कि कोई देश चाह कर भी दूसरे देश की मदद नहीं कर सकता और नाही कर पा रहा है। हममें से कोई, इस बात से भी अज्ञात नहीं है कि अभी तक कोई भी देश कोरोना वायरस के लिए किसी भी प्रकार की कोई दवाई अथवा वैक्सीन नहीं बना पाया है।

लेकिन हम उम्मीद यहीं करते हैं की जल्द ही मानव जाति इस खतरनाक बीमारी के लिए कोई उपचार ज़रूर ढूंढ़ लेगी। इन सभी परिस्थितियों का आंकलन करने के बाद किसी भी देश की सरकार के पास लॉकडॉउन करने के सिवा और कोई रास्ता नहीं बचता। कहीं ना कहीं ये सही भी है क्योंकि इस तरह ही बीमारी को फैलने से रोका जा सकता है।

लेकिन हमारा प्रश्न ये नहीं है कि कोरोना वायरस से कैसे निपटा जाए । परंतु इसका अर्थ ये भी नहीं की हम उस विषय में सोचना छोड़ दें। मगर आज का विषय है कि क्या सरकार द्वारा देश में लगाया गया सम्पूर्ण लॉकडाउन हमारे लिए एक बंदिश बन चुका है? अगर आप भी ऐसा सोचते है तो मुझे उम्मीद है कि इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपमें कुछ तो परिवर्तन जरूर आएगा।

हम सभी सरकार के इस फैसले से काफी नाखुश तो हैं कि हम सभी घर की चार दिवारी में कैद होकर रह गए है।ना कहीं घूम सकते है , ना किसी से मिल सकते है, नाही अपने काम पर जा पा रहे हैं और नाही किसी प्रकार के बाहरी मनोरंजन का आनंद उठा सकते हैं। पर मैं आप सब से एक सवाल पूछूंगा क्या हमारी ज़िन्दगी सिर्फ इन चंद खुशियों की मोहताज हो गई है? क्या और कोई भी चीज हमारी ज़िन्दगी में मायने नहीं रखती? हम इतने खुदगर्ज हो गए है कि हमें अपनी खुशियों के आगे किसी और कि खुशियां नहीं दिखती? और क्या हम इस गंभीर बीमारी के खिलाफ चंद दिनों की परेशानियों को नहीं झेल सकते जिससे पूरे विश्व का कल्याण हो ? क्या ये हमारा फ़र्ज़ नहीं की भारत के अच्छे और सच्चे नागरिक होने के नाते सरकार की इस पहल में सरकार का साथ दें?हम बेशक ऐसा कर सकते हैं और इसमें हमारी भी भलाई छुपी हुई है। जब हमें ऐसा मौका मिला ही है तो सरकार या किसी भी और को कोसने के बजाय हम इस समय का सदुपयोग करें।

हम सभी ने इस लॉकडाउन को सजा के तौर पर स्वीकार कर लिया है लेकिन हमें ऐसा करना नहीं चाहिए बल्कि सरकार के द्वारा उठाए गए इस कदम का पूर्णतः समर्थन करना चाहिए। हमारा कारण केवल ये नहीं होना चाहिए कि इससे हमारी रक्षा होगी और हम स्वस्थ रहेंगे। साथ ही साथ हमें इस अवधि को एक मौके के रूप में देखना चाहिए। एक ऐसा मौका जो हम सब चाहे तो भी अपने जीवन से नहीं निकाल सकते है। सभी लोग तो इस बात से अवगत हैं ही कि आज का दौर ऐसा है जहां पर सभी में आगे निकलने की होड़ सी मची हुई है परंतु इसी बीच हम ये बात अक्सर भूल जाते हैं कि उस दौड़ में हम अपने परिवार को बहुत पीछे छोड़ देते हैं। दूसरों को हराने और पीछे छोड़ने में कुछ यू खो से जाते हैं कि अपने परिवार को समय ही नहीं दे पाते। ये एक ऐसा अवसर है जहां आप अपने परिवार के साथ कुछ ऐसे पल बिताए जो आपके लिए भुलाना कठिन हो जाए क्योंकि रिश्तों से बड़ा कोई धन पूरे संसार में नहीं हुआ। और परिवार से ज्यादा आपका पक्षधर आपके लिए ना कोई था और ना कोई रहेगा।

इतना ही नहीं ये समय हमें एक अवसर प्रदान करता है जहां हम अपने आप को अपनी रुचि के अनुसार अलग अलग क्षेत्रों में निपुण एवं पारंगत कर सकते हैं। किसी की रुचि चित्रकला में होगी, तो किसी की लेखन में, वहीं कुछ तो अपने गाने और नृत्यकला का भी अभ्यास कर सकते हैं साथ ही आपके पास मौका है जहां आप नई नई कला को सीख सकते और अपने हुनर को निखार सकते है। बात यही खत्म नहीं होती ये अवधि आपको मौका देती है कि आप अपने आप को और अच्छे से समझे और इसी दौरान नए नए आविष्कार और अनुसंधान करें। साथ ही साथ आप अपने अंदर कि कुरितियुओं का आंकलन करें और उन्हें दूर करने की कोशिश करें। जिससे आप और भी अच्छे और योग्य इंसान बने। देखा जाए तो करने को बहुत कुछ है पर मनुष्य आज के समय में केवल और केवल दूसरों पर निर्भर होता जा रहा है और हर चीज का हाल सिर्फ और सिर्फ मोबाइल में नजर आता है। लेकिन क्या इस लॉकडाउन का मतलब हर चीज का लॉकडाउन है? ऐसा बिल्कुल नहीं है। इसी बात पर एक कविता याद आ रही जो कि अंग्रेजी में है और वह इस परिस्थिति को बहुत अच्छे से परिभाषित करती है। कविता कुछ इस प्रकार है-

 Everything is not locked down

 

Sun is not locked down,

The season is not locked down,

The relationship is not locked down,

Love is not locked down,

Reading is not locked down,

Learning is not locked down,

Music is not locked down,

Devotion is not locked down,

Imagination is not locked down,

Creativity is not locked down,

Conversations are not locked down,

Kindness is not locked down,

Hope is not locked down,

Everything is not locked down.

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