भारतीय संस्कृति

मुख्यतः हमारा आज का विषय हमारी भारतीय संस्कृति जो कि आज के परिद्रश्य में लुप्त होती जा रही हैं, मेरे अनुमान से इसके कई कारण हो सकते हैं हमारी आज कि सोच जो कि वातावरण कि तरह दूषित हो चुकी हैं और हमारी सोच दूषित होने का मुख्य कारण कोई और नहीं बल्कि हम और हमारा परिवार ही हैं | चूँकि आज के परिद्रश्य में हमको ये लगता हैं कि अगर हम अपने पुत्र/पुत्री को शुभ प्रभात कि जगह गुड मोर्निंग बोलना सिखायेंगे तो शायद वह बच्चा दिन दुगना और रात चौगना बढेगा पर अफ़सोस हँसी आती हैं उन सभी माता पिता पर जो अपने बच्चो को गुड मोर्निंग/गुड नाईट इत्यादि शब्द तो सिखा देते पर यह नहीं सिखा पाते कि जब वह बूढ़े हो तो उनको पालना भी उस बच्चे का कर्तव्य हैं और जब वह बच्चा उनको घर से बाहर निकाल देता हैं या वृद्धाआश्रम छोड़ आता हैं तो उनके द्वारा पढाई वह शिक्षा कहा चली जाती हैं जो बो उस बच्चे को बचपन से अंग्रेजी में देते हैं |

आज का समय आधुनिक हैं मैं सहमत हूँ पर आधुनिकता से तात्पर्य यह नहीं होता कि हम अंग्रेजी मीडियम कि पढाई करके अपने माता पिता को ही अपने घर से निकालने लगेंगे | आधुकनिकता से तात्पर्य यह नहीं कि हम नशे के आदि हो जायेंगे जो कि आज के परिद्र्श्य में साफ़ साफ़ दिखता हैं | हम सभी आधुनिकता को यह समझते हैं कि भोग विलास से सम्बंधित चीजे इसमें सम्मिलित हैं पर अफ़सोस आप इसको अभी तक समझ नहीं पाए | मैं यह नहीं कहता कि आप आधुनिक ना हो आप अवश्य ही इस युग में आधुनिक हो बल्कि इस युग में आपको अवश्य ही आधुनिक होना पडेगा पर आधुनिकता में अपने संस्कार अपने पूर्वज अपना इतिहास अपना संसार भूलने लगते हैं |

हमारे पास दूसरा विचार आता हैं हमारा इतिहास और हमारे संस्किकार, चूँकि हम अपने गौरवशाली इतिहास और अपने प्राचीनतम संस्कार से पीछे जाते जा रहे हैं, मे अपना ही शौर्य,वीर,पराक्रम और गौरवशाली इतिहास पसंद नहीं आ रहा हैं क्यों ? इसका कारण मैं बताता हूँ क्योंकि वह इतिहास भोग विलास से सम्बंधित नहीं हैं अगर उसमे ऐसी वस्तुए देखने को मिले तो निश्चित ही युवा अधिक से अधिक उसको पसंद करेंगे | आज का हमार देश युवाओं से भरा पडा हैं हमारी संस्कृति लुप्त होने का सबसे मुख्य कारण यही हैं क्योंकि हमे अपने प्राचीनतम इतिहास या पूर्वजो पर हँसी आती हैं साथ ही साथ हम इस इतिहास को पढ़ना पसंद नहीं करते जिस दिन इस हँसी को आप गंभीरता से लेने लगेंगे आप एक सफल और गौरवशाली भारतवर्ष का निर्माण करेंगे |

आज हमारे देश में युवाओं कि कमी नहीं हैं अगर पूरी दुनिया में किसी कि युवा देश कहा जाता हैं तो वो हैं हिन्दुतान जी हाँ हम सभी को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि हम सभी एक युवा देश में रहते हैं किसी ने क्या खूब लिखा हैं --

"तलवारों कि धारो पर इतिहास हमारा चलता हैं, जिस ओर जवानी चलती हैं उस ओर ज़माना चलता हैं |"

जैसा कि इस पंक्ति से ही साफ़ साफ़ पता चलता हैं कि हमारे देश में जिस तरफ युवा चल देते हैं उसी तरफ पूरा जमाना चल देता हैं मैं भी स्वयं एक युवा ही हूँ अगर आवश्यकता हैं तो सिर्फ युवा को उठ खड़े होने कि 

 

मुझे बहुत अच्छी हिंदी लिखनी नहीं आती और ना ही हिंदी भाषा का विद्वान हूँ बस अपनी भावनाओं और अपनी पीड़ा को आपके समक्ष रख कर कुछ दर्द कम महसूस कर रहा हूँ | आशा करता हूँ आप सभी लोग फिर से भारत को सोने कि चिड़िया या विश्वगुरु का दर्जा दिलवाने में अवश्य अपना योगदान देंगे 

धन्यबाद 

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