मोटापा दरअसल कोई बीमारी नहीं बल्कि लाइफस्टाइल की देन है। इन दिनों लोगों में मोटापा तेजी से बढ़ता जा रहा है, जिसकी वजह से शरीर में एक बीमारी के अलावा कई बीमारियां आ जाती हैं। हम रोजाना अपनी दिनचर्या में छोटी-छोटी चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं, जो हमारी बॉडी में फैट बढ़ाने का काम करती हैं और हमें उसका कतई अंदाजा नहीं होता है। आज हम कुछ ऐसी ही नजरअंदाज की जाने वाली आदतों से आपको रूबरू कराएंगे जिनका ध्यान रखकर आप बढ़ते वजन पर काबू पा सकते हैं।
घर हो या ऑफिस या फिर दोस्तों का साथ आप अक्सर अपने आसपास बिकने वाले चिप्स, कुरकुरे या दूसरे जंक फूड वाली चीजें खाते हैं। एक सीमित मात्रा में इन्हें अपनी डायट में शामिल करना आपके लिए नुकसानदायक नहीं होगा। लेकिन जब आप आंख बंद करके इन्हें खाते हैं, तो यह आपकी बॉडी में मोटापा बढ़ाने का काम करते हैं। जंक फूड से अक्सर आपको पेट में गैस बनना और हाजमें में दिक्कतें होने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके लिए आपको अलर्ट रहने की जरूरत है।
खाने के लिए झटपट तैयार रहने वाले इन जंक फूड्स में ट्रांस फैट से लेकर अनेक केमिकल्स भी मिले होते हैं। यह आपकी बॉडी में जाकर कोलेस्ट्रॉल लेवल को बढ़ाते हैं। साथ ही इनमें सिंपल ग्लोकूज यानि शुगर की मात्रा भी ज्यादा होती है जो आपकी बॉडी में जाकर इंसुलिन को बढ़ा देती। इससे स्थाई तौर पर आपका इंसुलिन लेवल बिगड़ सकता है और आपको मुधमेह की बीमारी होने का खतरा सबसे ज्यादा बना रहता है। जंक फूड खाने की आदत को आप धीरे-धीरे छोड़ सकते हैं, इसे रातोरात छोड़ना संभव नहीं है। तरीका यह है कि रोजाना आपको कम से कम मात्रा में इन्हें खाना है। धीरे-धीरे इन्हें कम करना है और एक समय आएगा जब आप इन्हें पूरी तरह त्याग दें।
जंक फूड की जगह आप चना और मूंग को पानी में भिगोकर स्प्राउट यानी अंकुरित अन्न बना सकते हैं। इनसे मिलने वाला कार्बोहाइड्रेट आपके सेहत के लिए काफी फायदेमंद है। इन्हें अच्छे कार्ब्स के नाम से जाना जाता है। इसमें आपको अलग-अलग अमीनो एसि़ड्स के साथ फाइबर भी मिलेगा, जो आपकी बॉडी में जाकर मसल्स बिल्डिंग और उन्हें बनाए रखने में मददगार होते हैं। यह आपकी इम्यूनिटी भी बढ़ाते है। लिहाजा इनका सेवन मोटापे पर नियंत्रण और उन्हें कम करने के लिए काफी मददगार साबित होता है।
ओब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर के लक्षण
- ओसीडी पीड़ित में आमतौर पर सफाई और बार-बार हाथ धोने का कंपल्शन होता है।शंक और डर हॉट ही। उनमें से कुछ निश्चित संख्याओं, रंगों और अरेंजमेंट को लेकर अंधविश्वास हो सकता है।
- कीटाणुओं और गंदगी आदि के संपर्क में आने या दूसरों को दूषित कर देने का डर रहता है।
- डर से जुड़ी चीजों को को महसूस करना जैसे, घर में कोई बाहरी व्यक्ति घुस आया है।
- ऐसे लोगों को किसी और को नुकसान पहुंचने का डर भी रहता है।
- धर्म या नैतिक विचारों पर पागलपन की हद तक ध्यान देना।किसी चीज को भाग्यशाली या दुर्भाग्यशाली मानने का अंधविश्वास।
- चीजों को बेवजह बार-बार जांचना, जैसे कि ताले, उपकरण और स्विच आदि।बेकार की चीजें इकट्ठा करना जैसे कि पुराने न्यूजपेपर, खाने के खाली डिब्बे, टूटी हुई चीजें आदि।
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